Menu
blogid : 12324 postid : 4

भारत में जरूरी है आरक्षण विरोध या जातिवाद विरोध ?

Amit Prem
Amit Prem
  • 3 Posts
  • 5 Comments

आज हमारा भारत देश कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है कहीं जनता का आर्थिक शोषण हो रहा है तो कही राजनितिक स्तर पर देशवासियों को लूटा जा रहा है, कहा जाता है कि १९४७ को हमने आज़ादी पाई थी- क्या सच में वो आज़ादी आज़ादी थी, नहीं वो आज़ादी नहीं थी वो सिर्फ समय कि मांग थी भारत देश की जनता आज भी गुलाम है, फर्क सिर्फ इतना है कि पहले अंग्रेजों के गुलाम थी अब कुछ नेताओ के जो अपने आप को भारतीय कह्ते है|
इसी प्रकार की एक और समस्या जो सदियों से चली आ रही है वो है जातिवाद जात पात का भेदभाव आये दिन किसी न किसी न्यूज चेनल और अखबार के माध्यम से हमें पता चलता है कि आज उस दलित का इस तरह शोषण किया गया या फिर दलित ने स्वर्ण को झूठे हरिजन एक्ट के मामले में फसा दिया| आरक्षण जातिवाद से ही जुडी हुई एक और कड़ी है और हम अक्सर आरक्षण के नाम पर हंगामे खड़े करते रहते है कभी कोई नेता आरक्षण विरोधी मोर्चा लेकर बैठा है तो कहीं पर दलितों और पिछडों के नाम पर आरक्षण को बनाये रखने के लिए जुलूस निकाले जा रहे है | इन सब में नुक्सान जो होता है वो सभी वर्गों का होता है लेकिन किसी का ध्यान कभी इस और नहीं जाता कि आरक्षण की जरूरत क्यों है क्यों हमारे देश में जातिवाद को इतना ज्यादा महत्व दिया जाता है क्यों ये जनता का भला चाहने वाले नेता जातिवाद को समाप्त करने कि बात करते| क्योंकि अगर इन्होने ये किया तो इनके घर में चूल्हे जलने बंद हो जायेंगे ये इसी का तो खाते है|
अगर जातिवाद समाप्त हो जाए तो आरक्षण का मुद्दा अपने आप ही समाप्त हो जायेगा|
तो क्या लगता है आपको?

भारत में क्या जरूरी है आरक्षण विरोध या जातिवाद विरोध?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply